Pakistan Bomb Blast: बलूचिस्तान इलाके में पाकिस्तानी सेना पर हमले बढ़ने लगे हैं. 11 मार्च को हुए ट्रेन हाईजैक के बाद से पाकिस्तान की अलग-अलग जगहों से बम विस्फोट की घटनाएं सामने आईं हैं.
Pakistan Bomb Blast: पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए पिछला कुछ दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं गुजरा है. आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान को अब खुदे के पाले आतंकी की तबाह करने में जुट गए हैं, जिसका खामयाजा वहां के आम लोगों को भुगतना पड़ा रहा है. बलूचिस्तान में रविवार (16 मार्च) को पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला हुआ, जिसमें कम से कम 7 जवानों की मौत हो गई और 35 से ज्यादा घायल हो गए. किसी भी समूह ने तुरंत जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदेह प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) पर होने की संभावना है, क्योंकि BLA ने दावा किया है कि उन्होंने पाक सेना के 90 जवानों को मार गिराया है.
ट्रेन हाईजैक के बाद हो रहे ताबड़तोड़ हमले
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था, उसके 12 घंटे बाद पड़ोसी मुल्क में 19 हमले हुए. इससे पहले शनिवार (15 मार्च 2025) को पाकिस्तान के क्वेटा में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में आतंकवाद निरोधक बल (एटीएफ) के एक जवान की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए. इसी दिन पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में कम से कम नौ आतंकवादियों और दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मस्जिद में विस्फोट
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार (15 मार्च) को ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक मदरसा और मस्जिद में हुए विस्फोट में एक मौलवी समेत चार लोग घायल हो गए. पुलिस के मुताबिक, इस हादसे से 24 घंटे से भी कम समय पहले प्रांत में ही एक अन्य मस्जिद में शुक्रवार (14 मार्च) की नमाज के दौरान बम विस्फोट हुआ था, मुफ्ती मुनीर शाकिर के बाएं पैर में चोट लगी और विस्फोट में तीन अन्य लोग भी घायल हुए थे.
ट्रेन हाईजैक के बाद दहला पाकिस्तान
पाकिस्तान से बलूचिस्तान को अलग करने की मांग करने वाले अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी ने मंगलवार (11 मार्च 2025) को पेशावर जाने वाली जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया, जिसमें 400 से अधिक लोग सवार थे, जिनमें अधिकतर सुरक्षाकर्मी थे. इसके एक दिन बाद बुधवार (12 मार्च 2025) को उन्होंने सरकार को बलोच राजनीतिक कैदियों और कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. पाकिस्तानी सेना के अनुसार, हाईजैक का ऑपरेशन करीब 36 घंटे चला, जिसमें दावा किया कि बीएलए के सभी लड़ाकों के मारकर बंधकों को छुड़ा लिया गया.
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