जेवर एयरपोर्ट को शुरू होने से पहले लगा बड़ा झटका, इस वजह से भरना पड़ेगा करोड़ों का जुर्माना

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर बुरी खबर आई है. एयरपोर्ट का कमर्शियल ऑपरेशन अभी शुरु भी नहीं हुआ है और उसे करोड़ों रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा.

Noida International Airport: देश के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स में से एक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन में लगातार देरी हो रही है. एयरपोर्ट को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) से मई 2025 में एयरोड्रम लाइसेंस मिलने की संभावना है. लेकिन तब तक हर दिन 10 लाख रुपये का जुर्माना एयरपोर्ट बनाने वाली कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (यापल) को भरना होगा.

अब तक 24 करोड़ का जुर्माना, टर्मिनल का काम अधूरा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह के अनुसार, एयरपोर्ट के तय समय पर पूरा न होने के कारण 29 सितंबर 2024 से कंपनी पर प्रतिदिन 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है. यानी अब तक करीब 24 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ चुका है. जब तक एयरपोर्ट पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता, तब तक यह जुर्माना जारी रहेगा.

एयरपोर्ट पर रनवे और एटीसी टावर (एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर) तैयार हो चुका है, लेकिन टर्मिनल बिल्डिंग और अन्य सुविधाओं का काम अभी भी अधूरा है. यही वजह है कि डीजीसीए से जरूरी लाइसेंस मिलने में देरी हो रही है.

पहली लैंडिंग दिसंबर में हुई, लेकिन उड़ान सेवा शुरू होने में देरी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल द्वारा किया जा रहा है. इसका पहला चरण 2024 के अंत तक पूरा होना था, लेकिन निर्माण कार्य में देरी के कारण इसे 2025 तक टाल दिया गया.

दिसंबर 2024 में पहली टेस्ट लैंडिंग हुई थी, जब एक प्लेन ने रनवे पर सफलतापूर्वक लैंड किया. लेकिन अब भी कई महत्वपूर्ण कार्य बाकी हैं, जिससे उड़ान सेवाएं शुरू होने में और देर हो रही है.

यात्रियों और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तैयार होने से दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी.

• यह एयरपोर्ट इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (दिल्ली एयरपोर्ट) पर बढ़ते दबाव को कम करेगा.

• उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के शहरों से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी.

• यह उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स और इंटरनेशनल कार्गो हब के रूप में विकसित करने में मदद करेगा.

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अब आगे क्या?
• मई 2025 में डीजीसीए से लाइसेंस मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद एयरपोर्ट के संचालन की प्रक्रिया शुरू होगी.

• टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण तेजी से किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द इसे पूरा किया जा सके.

• उम्मीद है कि पहली व्यावसायिक उड़ान 2025 के मध्य तक शुरू हो सकती है.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर यात्रियों और व्यापार जगत की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं. लेकिन निर्माण कार्य में देरी की वजह से न सिर्फ एयरपोर्ट की लॉन्चिंग टल रही है, बल्कि यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को हर दिन 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना भी भरना पड़ रहा है.

अब देखना यह है कि डीजीसीए से लाइसेंस मिलने के बाद कितनी जल्दी यह एयरपोर्ट पूरी तरह से संचालन में आ पाता है.

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