दिल्ली में अकबर रोड के साइनबोर्ड पर पोती कालिख, महाराणा प्रताप के लगाए पोस्टर; बोले- आक्रांताओं का नाम मिटा देंगे

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दिल्ली में अकबर रोड के साइनबोर्ड पर कालिख पोतने वाले युवाओं का आरोप है कि कश्मीरी गेट पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

Akbar Road signboard defaced: दिल्ली में अकबर रोड के साइनबोर्ड पर अज्ञात युवाओं ने कालिख पोत दी और वहां महाराणा प्रताप की तस्वीर चस्पा कर दी. उनका आरोप है कि कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई है. उन्होंने कहा कि हम एक भी आक्रांता का नाम नहीं छोड़ेंगे, मिटा देंगे. 

अकबर रोड के साइनबोर्ड पर कालिख पोतते हुए उन्होंने वीडियो बनाते हुए कहा, 'महाराणा प्रताप का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान. आईएसबीटी पर महाराणा प्रताप की अष्टधातु की मूर्ति के साथ जिस तरह छेड़छाड़ की गई है. मैं दिल्ली पुलिस से कहना चाहूंगा कि वो हमको मूर्ख न बनाएं. वो हमको बता रहे हैं कि बंदरों द्वारा प्रतिमा तोड़ी गई है. अष्टधातु की मूर्ति को सम्मान के साथ वहीं लगाएं.'  

दिल्ली पुलिस 24 घंटे में दोषियों पर करे कार्रवाई 

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अमित राठौड़ नाम के शख्स ने कहा, 'कश्मीरी गेट पर जो घटना हुई है, उसको पुलिस प्रशासन, दिल्ली सरकार सब मिलकर दबाने का प्रयास कर रहे हैं. हमारा सवाल ये है कि महाराणा प्रताप का भाला और तलवार अष्टधातु की मूर्ति के हाथ को क्या कोई बंदर तोड़ सकता है. ये बच्चों जैसे सवाल न करें, जो दोषी हैं, उनको गिरफ्तार करें. 24 घंटे का अल्टीमेटम है, तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.'

आक्रांताओं के नाम पर न हों सड़कों के नाम: प्रदर्शनकारी 

इस घटना में शामिल विजय नाम के दूसरे शख्स विजय ने कहा, 'हम अकबर, बाबर, हुमायूं के बोर्ड हटाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि सरकारों की आखें खुलें और सरकार फैसला ले कि जो आक्रांता बाहर से आए, उन्होंने हमारी बहन-बेटियों का बलात्कार किया, पेड़ से उल्टा लटकाया. उन्होंने मंदिरों को ध्वस्त किया. भारत की अखंडता को तोड़ा. सवाल यह है कि हम ही ऐसा क्यों कर रहे हैं, समाज के बाकी लोग कहां हैं?'

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

महाराणा प्रताप की प्रतिमा को लेकर करणी सेना की ओर से दिल्ली पुलिस से शिकायत की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने आश्वासन दिया था कि इस ममले की जांच की जाएगी और एमसीडी से भी जानकारी ली जाएगी. दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, यह प्रतिमा काफी पुरानी है और इसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट भी किया गया. लिहाजा इस मामले में एमसीडी का बयान काफी महत्वपूर्ण है. फिलहाल दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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