मुंबई और आसपास के शहरों में बिल्डर-बैंक नेक्सस के कारण हजारों होमबायर्स ठगी के शिकार हो रहे हैं. बुकिंग के सालों बाद भी न तो फ्लैट मिले, न पैसा वापस. लेकिन EMI चुकाने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.
मुंबई:10 वीं कक्षा में पढ़ने वाली गरिमा गुप्ता जब 10 फरवरी को स्कूल से घर लौटी, तब उन्हें अपना घर नहीं, सिर्फ टूटे दरवाजे, बिखरी ईंटें, और उनकी दरारों में दबी गरिमा के बचपन की यादें नज़र आई. जिस घर की ओर कदम बढ़ाए थे, वहां अब सिर्फ मलबा था. पिता शिव सहाय गुप्ता की आंखों में लाचारी थी, एक बेबस कोशिश कि किसी तरह फिर से अपनी बेटी को वो घर वापस दे सकें. मां मीना गुप्ता की आंखों से गिरते आंसू बता रहे थे कि जो खो चुका है, वो सिर्फ ईंटें नहीं थीं, वो उनकी पूरी जिंदगी थी. अब ये परिवार एक छोटे से झोपड़े में रहने को मजबूर है. सपने बिखर चुके हैं, लेकिन उम्मीद अभी भी बाकी है… क्या फिर से उनका घर खड़ा हो पाएगा?
पैसे लिए जाते हैं, लेकिन घर नहीं दिया जाता. बिल्डर फंड डायवर्ट करते हैं, फर्जी अप्रूवल दिखाते हैं और नगर निगम-बैंक की मिलीभगत से नियम तोड़ते हैं. मुंबई और आसपास के इलाकों में बिल्डर लॉबी का खेल जारी है. नालासोपारा ईस्ट में 41 अवैध इमारतों के गिरने से 8,000 लोग बेघर हुए, जबकि ठाणे और डोंबिवली में देरी और घटिया निर्माण की शिकायतें बढ़ रही हैं.
0 Comments