दिल्ली विधानसभा में सोमवार को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कैग रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में डीटीसी (CAG Report on DTC) के कामकाज पर कई गंभीर खामियां उजागर की गईं, जो निगम के बिगड़ते हालात को दिखाता है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि डीटीसी पिछले कई सालों से लगातार नुकसान झेल रहा है. रिपोर्ट में और क्या-क्या है, जानिए
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कैग रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में डीटीसी (CAG Report on DTC) के कामकाज पर कई गंभीर खामियां उजागर की गईं, जो निगम के बिगड़ते हालात को दिखाता है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि डीटीसी पिछले कई सालों से लगातार नुकसान झेल रहा है. रिपोर्ट में और क्या-क्या है, जानिए
- DTC को 2015 से 2022 के दौरान 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का परिचालन घाटा (CAG Report on DTC ) हुआ. नुकसान उठाने के बावजूद कोई ठोस व्यापार योजना या दृष्टि दस्तावेज तैयार नहीं किया गया. सरकार के साथ भी कोई समझौता ज्ञापन (MOU) नहीं हुआ, जिससे वित्तीय और परिचालन लक्ष्यों को तय किया जा सके.
- अन्य राज्य परिवहन निगमों के साथ प्रदर्शन की तुलना भी नहीं की गई. 2015 से 2023 के बीच DTC बसों के बेड़े में 4,344 से घटकर 3,937 बसें रह गईं. फंड होने के बावजूद डीटीसी ने 2021 और 2022-23 के दौरान सिर्फ 300 ई-बसें ही खरीदीं.
- दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की देनदारी वित्त वर्ष 2015-16 के 28,263 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 65,274 करोड़ रुपये हो गईं. इस तरह इसमें 37,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई.
- डीटीसी ने कोई व्यावसायिक योजना तैयार नहीं की थी, न ही अपने घाटे को कम करने के लिए कोई लक्ष्य तय किया.डीटीसी ने वित्तीय स्थिति पर कोई स्टडी नहीं की, जबकि उसे लगातार घाटा हो रहा था.
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