रंजिनी श्रीनिवासन ने याद किया कि कैसे उन्हें 5 मार्च को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से एक ईमेल मिला था. जिसमें कहा गया था कि उनका छात्र वीजा अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया गया है.
नई दिल्ली:अमेरिका ने कुछ हफ्ते पहले 37 वर्षीय भारतीय पीएचडी छात्रा रंजिनी श्रीनिवासन का वीजा कथित तौर पर “हिंसा और आतंकवाद की वकालत” करने तथा हमास समर्थित गतिविधियों में शामिल होने के कारण रद्द कर दिया गया था. रंजिनी श्रीनिवासन ने अब अपनी आपबीती सुनाई है और कहा कि उसे अपने अल्मा मेटर - प्रसिद्ध कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा 'धोखा' दिया गया है. अल जजीरा को दिए साक्षात्कार में श्रीनिवासन ने कहा, "मैंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में पांच साल काम किया, मुझे नहीं पता, कभी-कभी तो सप्ताह में 100 घंटे भी काम किया. मैंने कभी नहीं सोचा था कि संस्थान मुझे निराश करेगा. लेकिन ऐसा हुआ."
उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि कोलंबिया अपने होश में आएगा और मुझे फिर से नामांकित करेगा. मेरी पीएचडी के लिए सभी आवश्यकताएं पूरी हो गई हैं, और जो कुछ भी बचा है, उसके लिए मुझे अमेरिका में रहने की भी आवश्यकता नहीं है."
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