Delhi Ambulance Earlier Used To Reach In 13 Minutes But Now It Takes 17 Minutes 7997357#publisher=newsstand

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दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के पद रिक्त होने का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है. इस वक्त दिल्ली के अस्पतालों में करीब 1036 डॉक्टर और नर्स 5557 कार्यरत है. जबकि औषधालयों में 542 डॉक्टर कार्यरत है. BJP सरकार आने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में भर्तियां शुरू हुईं हैं.

नई दिल्ली:

सड़क दुर्घटना के वक्त एक-एक सेकेंड कीमती होता है. अगर घायल व्यक्ति को समय पर इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. लेकिन दिल्ली में जो एंबुलेंस घटनास्थल पर पहले 13 मिनट में पहुंचती थी, अब वो 17 मिनट पर पहुंच रही है. जो कि एक चिंता का विषय है. दरअसल दिल्ली की सड़कों पर कोई घायल हो या किसी को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत हो. तो उसके पास केंद्रीकृत दुर्घटना और आघात सेवाएं (CATS), जो कि दिल्ली सरकार की सरकारी एंबुलेंस है, वो करीब 17 मिनट में पहुंच रही है. इसी एंबुलेंस को अगर आप 2014 यानि दस साल पहले बुलाते तो महज 13 मिनट में पहुंच जाती. यानी बीते दस सालों में एंबुलेंस के पहुंचने का रेस्पॉस टाइम 13 मिनट से बढ़कर 17 मिनट हो गया है. 

हैरानी की बात ये है कि दिल्ली सरकार के CATS एंबुलेंस की तादात जहां 2014 में महज 155 थी. वो अब बढ़कर 261 हो चुकी है. लेकिन उसके बावजूद रेस्पॉस टाइम घट गया है. खुद दिल्ली में बीजेपी के विधायक अरविंद सिंह लवली ने कहा कि सरकार को जांच करनी चाहिए कि कैसे CATS एंबुलेंस का रेस्पॉस टाइम कम होने के बजाए बढ़ गया.

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