राजस्थान में कांग्रेस नेताओं का होगा DNA टेस्ट? नेताओं में दहशत, फेल होने पर पार्टी लेगी ये बड़ा एक्शन

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Rajasthan Congress: कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की निष्ठा का परीक्षण करेगी. इस परीक्षण में फेल होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाल दिया जाएगा.

Rajasthan Politics: कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की निष्ठा का परीक्षण करेगी। इस प्रयोग के तहत कांग्रेस निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाएगी. राजस्थान में कांग्रेस का ये प्रयोग डीएनए प्रयोगशाला जैसा होगा. इसके जरिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की लॉयलिटी यानी पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा का परीक्षण किया जाएगा और इस परीक्षण में फेल होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी घर का रास्ता दिखाएगी. सफल रहने वाले नेता कार्यकर्ता पुरस्कार के तौर पर बेहतर पद पाने के हकदार होंगे.

राजस्थान कांग्रेस जल्द ही अपने नेताओं का डीएनए टेस्ट करने वाली है, इसकी घोषणा खुद पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने की है जिसके बाद कांग्रेस नेताओं के बीच दहशत का माहौल है. दरअसल पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा चाहते हैं कि पार्टी में वफादार नेताओं को जगह मिले. शिकायत आ रही थी कि कई नेता चुनाव के वक्त पाला बदल लेते हैं और बागी बनकर चुनाव मैदान में उतरते हैं. इसके अलावा उनके बयानों से पार्टी की छवि भी प्रभावित होती है जिसका फायदा विपक्षी भाजपा उठाती है. जिसके चलते पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. इसी के चलते अब वफादार नेताओं की तलाश में जुटे हुए हैं. 

इसके तहत तीन बार से ज्यादा पार्टी की बैठक में अनुपस्थित रहने वाले नेताओं की एक सूची भी तैयार की जा रही है जिसके जरिए इस बात को तय किया जाएगा कि कौन से नेता पार्टी के कार्यक्रमों में नियमित रूप से भाग लेते हैं और जनता के बीच सक्रिय रहते हैं.

अपनी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के डीएनए टेस्ट के कांग्रेस प्रभारी के बयान को लेकर अब बीजेपी ने कांग्रेस की कार्यशैली पर तंज कसना शुरु कर दिया है . बीजेपी ने सवाल उठाया और पूछा कि क्या इस पार्टी को अपनी ही पार्टी के नेताओं की वफ़ादारी पर भरोसा नहीं है.

बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना कि कांग्रेस प्रभारी का ये बयान दर्शाता है कि कांग्रेस अपने ही परिवार के लोगों के प्रति क्या सोच रखती है. उन्होंने इस तरह के प्रयोग को हास्यास्पद बताया. भारद्वाज ने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता ने कोई बात कही और दूसरे नेता उनकी बात को पकड़कर इस तरह का प्रयोग करने पर उतारू हो गए.

दरअसल यह सवाल कांग्रेस में तब खड़ा हुआ जब कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद लगातार एक के बाद एक राज्य में चुनाव हारती गई. राहुल गांधी ने कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के विरोधी बयानों के बाद ऐसे नेताओं की निष्ठा पर सवाल उठाया था ऐसे में कांग्रेस ने तय किया है कि अब राजस्थान से ही संगठन के कार्यों में रुचि नहीं लेने वाले कार्यकर्ताओं को पदमुक्त करने में बिल्कुल समय नहीं लगाया जाएगा. इसके साथ बिना किसी कारण के तीन बार लगातार बैठक में अनुपस्थित रहने वालों की सूची भी पार्टी ने तैयार करनी शुरू कर दी है.

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