Hindi Row: 'भ्रमित करने के अलावा और कुछ नहीं', हिंदी भाषा को लेकर विवाद पर पवन कल्याण का स्टालिन पर पलटवार

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तमिलनाडु में जारी हिंदी विरोध को लेकर आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने स्टालिन सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने (X) पर पोस्ट कर कहा कि मैंने कभी हिंदी का विरोध नहीं किया है.

Tamil Movie Dubbing Row: तमिलनाडु में जारी हिंदी विरोध के बीच आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने शनिवार (15 मार्च, 2025) को (X) पर पोस्ट कर कहा, 'किसी भाषा को जबरन थोपा जाना या किसी भाषा का आंख मूंदकर केवल विरोध किया जाना दोनों ही प्रवृत्ति हमारे भारत देश की राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकता के मूल उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक नहीं हैं. मैंने कभी भी हिंदी भाषा का विरोध नहीं किया'.

'मैंने कभी हिंदी भाषा का विरोध नहीं किया'
पवन कल्याण ने (X) पर किए गए पोस्ट में लिखा, 'मैंने केवल हिंदी को सबके लिए अनिवार्य बनाए जाने का विरोध किया. जब 'एनईपी-2020' खुद हिंदी को अनिवार्य तौर पर लागू नहीं करता है तो इसके लागू किए जाने के बारे में गलत बयानबाजी करना जनता को भ्रमित करने के अलावा और कुछ नहीं है.'एनईपी-2020' (NEP-2020) के अनुसार छात्रों के पास एक विदेशी भाषा के साथ-साथ कोई भी दो भारतीय भाषाएं (अपनी मातृभाषा सहित) सीखने की सुविधा है. यदि वे हिंदी नहीं पढ़ना चाहते हैं तो वे तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, मराठी, संस्कृत, गुजराती, असमिया, कश्मीरी, ओडिया, बंगाली, पंजाबी, सिंधी, बोडो, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मैतेई, नेपाली, संथाली, उर्दू या कोई अन्य भारतीय भाषा चुन सकते हैं'.

'राजनीतिक एजेंडे के तहत हो रहा हिंदी का विरोध'
उन्होंने कहा, 'बहुभाषी नीति छात्रों को अधिकाधिक विकल्प प्रदान करने, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और भारत की समृद्ध भाषायी विविधता को संरक्षित करने के लिए बनाई गई है. राजनीतिक एजेंडे के तहत इस नीति की गलत व्याख्या करना और यह दावा करना कि मैंने इस पर अपना रुख बदल दिया है केवल पारस्परिक समझ की कमी को दर्शाता है. जन सेना पार्टी हर भारतीय के लिए भाषाई स्वतंत्रता और शैक्षिक विकल्प के सिद्धांत पर दृढ़ता से खड़ी है. 

'कमाई के लिए तमिल फिल्में हिंदी में डब होती हैं'
पवन कल्याण ने इससे पहले काकीनाडा के पीथमपुरम में अपनी पार्टी के 12वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान हिंदी विरोध को लेकर तमिलनाडु सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'मुझे ये समझ नहीं आता कि क्यों कुछ लोग संस्कृत का विरोध करते हैं और तमिलनाडु में क्यों हिंदी विरोध हो रहा है जबकि तमिल फिल्मों से रुपये कमाने के लिए वहां की फिल्मों को हिंदी में डब किया जाता है'.

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