In House Committee Of Three Judges Will Start Investigation In Justice Yashwant Verma Case In A Day Or Two Sources 8002262#publisher=newsstand

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सूत्रों के मुताबिक, नियमों के मुताबिक जांच किस तरीके से हो, ये कमेटी खुद तय करेगी. उन्‍होंने बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी न्यायिक कामकाज नहीं कर पाएंगे.

नई दिल्‍ली :

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से जले नोटों के बंडल मिलने के मामले में तीन जजों की इन हाउस कमेटी एक-दो दिन में जांच शुरु करेगी. सुप्रीम कोर्ट सूत्रों ने एनडीटीवी को यह जानकारी दी है. CJI संजीव खन्ना की ओर से तीनों जजों को चिट्ठियां भेजी गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, नियमों के मुताबिक जांच किस तरीके से हो, ये कमेटी खुद तय करेगी.

सुप्रीम कोर्ट सूत्रों ने बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी न्यायिक कामकाज नहीं कर पाएंगे. जो आदेश दिल्ली हाईकोर्ट में था वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी लागू रहेगा. अब यह कार्रवाई सिर्फ ट्रांसफर तक सीमित नहीं रहेगी. सूत्रों ने बताया कि तीन जजों की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी. 

ट्रांसफर इन हाउस इंक्वायरी से स्वतंत्र और अलग: सूत्र

सुप्रीम कोर्ट सूत्रों ने एक बार फिर साफ किया कि जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इन हाउस इंक्वायरी से स्वतंत्र और अलग है, क्योंकि नियमों के तहत हाईकोर्ट के जजों का तबादला  कॉलेजियम के जरिए होता है, लेकिन नियमों के तहत जजों के खिलाफ आरोपों पर हाउस इंक्लायरी में सिर्फ CJI की भूमिका है. इनमें कहा गया है कि CJI इस संबंध में हाईकोर्ट  के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांगेंगे. 

नियमों में कॉलेजियम का कोई जिक्र नहीं है. सुप्रीम कोर्ट सूत्रों के मुताबिक जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ जज हैं और कॉलेजियम में हैं. चूंकि कथित घटना दिल्ली में हुई है इसलिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके मूल हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की है. 

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