'हाफिज सईद को पाकिस्तान में कुछ लोगों ने मार दिया...', लश्कर चीफ को लेकर PAK पत्रकार मोना आलम का बड़ा दावा

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हाफिज सईद के सहयोगी अबू कतल की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद से हाफिज सईद को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है.

'हाफिज सईद को पाकिस्तान में कुछ लोगों ने मार दिया...', लश्कर चीफ को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार मोना आलम का बड़ा दावजम्मू-कश्मीर में कई घातक आतंकी हमलों के लिए वांटेड लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबू कतल की पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी. जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ अबू कतल की शनिवार शाम पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

रहमान को लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का भरोसेमंद सहयोगी माना जाता था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि इस हमले के वक्त हाफिज सईद भी अबू कतल के साथ था और उसे भी गोली लगी है. इतना ही नहीं दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने हाफिज सईद को सुरक्षित स्थान पर छिपा दिया है. सोशल मीडिया पर हाफिज सईद की मौत की अफवाहें भी तैर रही हैं. ऐसे में हाफिज सईद की स्थिति पर सस्पेंस बना हुआ है. 

मोना आलम ने हाफिज सईद की मौत की खबरों को बताया अफवाह

इन सबके बीच पाकिस्तानी पत्रकार मोना आलम ने हाफिज सईद को लेकर बड़ा दावा किया है. एक भारतीय न्यूज चैनल से बातचीत में मोना आलम ने कहा, ''कल से खबर चल रही है कि हाफिज सईद को पाकिस्तान में कुछ लोगों ने मार दिया है. मैं आपको ये बता दूं कि ये फेक खबर है. मैंने ये चेक किया है. मैं जिम्मेदारी से बात कर रही हूं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें ये नहीं पता कि वे कहां हैं. वे अभी नजरबंद हैं. मुझे ये पता है कि उनकी मौत की खबर मनगढ़ंत है.''  

भारत में इन हमलों में शामिल रहा अबू कतल

अबू कतल जम्मू-कश्मीर के पूंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था. अधिकारियों के मुताबिक, रहमान ने साल 2000 की शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की थी और 2005 में वापस पाकिस्तान चला गया था. उसके पास पूंछ और राजौरी में आतंकवादियों के सहयोगियों का मजबूत नेटवर्क था. NIA की जांच में कई आतंकवादी वारदातों में रहमान के शामिल होने की बात सामने आई थी. 

केंद्रीय एजेंसी ने 2023 में राजौरी के डांगरी गांव में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमले से जुड़े मामले में उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. डांगरी गांव में आतंकियों ने एक जनवरी 2023 को अंधाधुंध गोलीबारी कर पांच लोगों की हत्या कर दी थी. हमलावरों ने घटनास्थल पर एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) भी छोड़ा था, जिसकी चपेट में आकर अगले दिन दो और लोगों की जान चली गई थी, जबकि 14 अन्य घायल हुए थे. 

- रहमान को नौ जून 2024 को दर्शन के लिए शिव खोड़ी मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर हुए हमले का मास्टरमाइंड भी बताया जाता था. इस हमले में नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 41 अन्य घायल हुए थे.  अधिकारियों के अनुसार, रहमान 20 अप्रैल 2023 को भट्टा-दुर्रियन में हुए हमले में भी शामिल था, जिसमें पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. 

- इसके अलावा, पांच मई 2023 को कंडी क्षेत्र में 9 पैरा स्पेशल फोर्स पर हुए हमले के पीछे भी उसका हाथ था, जिसमें पांच सैनिकों की जान गई थी. अधिकारियों के मुताबिक, रहमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के कोटली जिले में लश्कर के आतंकवादियों की घुसपैठ की योजना बनाने की जिम्मेदारी संभाल रहा था. वह सईद के सबसे भरोसेमंद लोगों में शामिल था.  पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान और पीओके में अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों की हत्या की है. 

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