Rana Sanga Controversy: 'Namazists, expel these wolves from Parliament', VHP angry over SP MP's comment on Rana Sanga

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Rana Sanga Controversy: सपा सांसद ने राज्यसभा में राणा सांगा को गद्दार कहा था. उन्होंने कहा था कि मुसलमानों में अगर बाबर का डीएनए है, तो हिंदुओं में गद्दार राणा सांगा का डीएनए है.

Rana Sanga Controversy: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को संसद से बाहर निकालने की मांग की है. VHP की यह मांग रामजी सुमन के उस बयान के बाद आई है, जो उन्होंने राणा सांगा पर दिया था. सपा सांसद ने शुक्रवार (21 मार्च) को राज्यसभा में कहा था कि अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो हिंदू भी गद्दार राणा सांगा की औलाद हैं.

सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा था कि भाजपा वाले कहते रहते हैं कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है तो हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? भारत में बाबर को राणा सांगा लाया ताकि इब्राहीम लोदी को हरा सके. अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो. बाबर की आलोचना करते हो तो राणा सांगा की क्यों नहीं?'

VHP का पलटवार
VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रामजी लाल सुमन की इस टिप्पणी के बाद कहा, 'मुसलमानों के रहनुमा बनते बनते कथित समाजवादी नेता हिंदुओं व मुसलमान दोनों के दुश्मन बन बैठे...!! हमारे साहसिक इतिहास के महान गौरव राणा सांगा और उनसे प्रेरणा लेने वाले समाज को "गद्दार" बता कर पार्टी ने ना सिर्फ हिंदू समाज का घोर अपमान किया है अपितु सदन को शर्मसार कर वीरों की जननी राजस्थान पर भी गहरा आघात किया है. भारत के सभी मुसलमानों को 'बाबर की औलाद' बताना भी क्या मुस्लिम समाज का भी घोर अपमान नहीं? इस पर मुस्लिम संगठनों की चुप्पी अनेक संदेहों को जन्म देती है.'

'इसीलिए लोग इन्हें नमाजवादी कहते हैं'
विनोद बंसल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'शर्म आनी चाहिए कि जिनका नाम 'रामजी' से शुरू होता है, उनके होठों पर 'औरंगजी' बसते हैं. जिहादी तुष्टिकरण में आकंठ डूबी इस पार्टी को शायद इसीलिए लोग समाजवादी की जगह नमाजवादी अधिक मानते हैं!! इन्हें धर्मांतरण के सरगना 'सूफी' तो 'संत' नजर आते हैं किंतु हिंदू 'गद्दार'!! 
ये महाशय व इनके पार्टी प्रमुख यदि क्षमा याचना नहीं करते तो जनता तो इनको जबाव देगी ही, राज्यसभा के माननीय सभापति महोदय से भी निवेदन है कि वे इन्हें इसके लिए सदन से बाहर निकालें.'

'शरीर पर 80 घाव थे, फिर भी शत्रु डरते थे'
विनोद बंसल ने इसके बाद एक और ट्वीट किया, जिसमें राणा सांगा के शौर्य की तारीफ की गई. बंसल ने लिखा, 'संसद में संसदीय मर्यादाओं को तार-तार कर सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने वो काम किया है, जो इस पार्टी के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी. इन जिहादियों और आक्रांताओं के पैरोकारों को कब ज्ञान होगा कि राणा सांगा ऐसे वीर योद्धा थे जिनके पास एक हाथ और एक आंख नहीं थी. उनके शरीर पर 80 घाव थे और वे चलने में लंगड़ाते थे किंतु फिर भी उनके शत्रु उनसे थर्राते थे'

'फिर राणा सांगा और बाबर के बीच युद्ध क्यों हुआ?'
विनोद बंसल लिखते हैं, 'क्या अभी ये हिंदू द्रोही यह बता सकते हैं कि यदि राणा सांगा ने बाबर को आमंत्रित किया था तो आखिर उन दोनों के बीच भीषण युद्ध क्यों हुआ था. जिस बाबर की सेना ने इब्राहिम लोधी को हराया उसी की सेना को पूर्वी राजस्थान के बयाना में राजपूतों की सेना से करारी हार का सामना करना पड़ा था. हां, उनकी एक चूक यह अवश्य थी कि उन्होंने भी, हिंदू स्वभाव के अनुसार, पृथ्वीराज चौहान की तरह, बाबर को हराने के बाद जीवित छोड़ दिया जो कि देश के लिए एक दंश बन गया.'

'इन भेड़ियों को संसद से बाहर करो'
समाजवादी पार्टी को नमाजवादी पार्टी पुकारते हुए बंसल ने लिखा, 'काश इन नमाजवादियों ने कभी यह भी पढ़ा होता कि राणा सांगा के ही वंशज महाराणा प्रताप तो जंगल में घास की रोटियां खाकर मुगलों से लड़े थे. गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की तीन पीढ़ियों का बलिदान औरेगंजेब के क्रूर शासन के कारण ही हुआ था. जो नमाजवादी मानसिकता के साथ चलते हैं और नाम समाजवादी रखते हैं, ऐसे छुपे हुए भेड़ियों को बिना देरी सदन से बाहर निकालना चाहिए.'

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