बाहर से आने वाली कारों पर 25% फ़ीसदी टैरिफ़ का ऐलान तो ट्रंप ने अब किया है लेकिन रिसीप्रोकल टैरिफ़ का ऐलान पहले ही कर चुके हैं. जिसे 2 अप्रैल से लागू होना है. टैरिफ़ की ट्रंप की ज़िद से पार पाने के लिए भारत अपनी तरफ़ से लचीला रूख दिखा रहा है. इस बीच ट्रेड और टैरिफ़ पर बातचीत के लिए अमेरिकी दल भारत में है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी कारों के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. चीन और कनाडा ने इसे लेकर अमेरिका की आलोचना की है. टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज, सोना BLW और संवर्धना मदरसन से अमेरिका को गाड़ियां और पुर्जे एक्सपोर्ट होते हैं. तो क्या भारत को भी इससे कोई नुकसान होगा? अमेरिका के कार उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि ट्रंप के फैसलों से वहां के कार उद्योग को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप का फंडा एकदम साफ़ है कमाई, कमाई, कमाई... तरह-तरह के टैरिफ लगाकर और बढ़ाकर वो अमेरिका का खजाना भरने की कोशिश कर रहे हैं. उनका ताजा फैसला विदेशों से अमेरिका आने वाली कारों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का है.
टाटा कंपनी के शेयर 6 फीसदी तक गिरे
भारत से भी गाड़ियांं अमेरिका जाती हैं. ट्रंप के फैसले के बाद भारत की टाटा कंपनी के शेयर 6 फीसदी तक गिर गए. कहा जा रहा है कि ट्रंप के फैसले का टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर पर सीधा असर होगा. कंपनी ने पिछले साल दुनियाभर में 4 लाख कारें बेची. इनमें से तकरीबन 88 हजार अमेरिका में बेचीं. कंपनी अपनी ज़्यादातर कार ब्रिटेन में बनाती है. लेकिन भारतीय निर्यात से जुड़े जानकार भारत पर टैरिफ को लेकर ज़्यादा फिक्रमंद नज़र नहीं आ रहे हैं. एक्सपर्ट के अनुसार भारत के ऑटो ट्रेड पर फर्क नहीं पड़ेगा. कुछ कंपनी को असर पड़ेगा जो कॉम्पोनेन्ट सप्लाई करती है. इसके अलावा टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर पर इसका असर पड़ेगा.
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