Chinmay Deore Sues Trump Administration: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से विवादों में हैं. उन पर एक भारतीय छात्र और तीन अन्य विदेशी छात्रों ने अदालत में केस दायर कर दिया है.
Chinmay Deore Sues Trump Administration: अमेरिका के मिशिगन राज्य में एक भारतीय छात्र और तीन अन्य विदेशी छात्रों ने स्टूडेंट वीजा (F-1 स्टेटस) रद्द किए जाने के खिलाफ अदालत में केस दायर किया है. इनमें भारत के चिन्मय देवरे, चीन के दो छात्र जियांगयुन बु और क्यूई यांग और नेपाल के योगेश जोशी शामिल हैं.
इन छात्रों का कहना है कि अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) और इमिग्रेशन विभाग (ICE) ने बिना कोई जानकारी दिए और बिना किसी सही कारण के उनका वीजा स्टेटस कैंसिल कर दिया. उन्होंने बताया कि अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की जानकारी रखने वाले SEVIS सिस्टम में उनका स्टेटस अचानक और गलत तरीके से खत्म कर दिया गया. इसलिए उन्होंने अब इसके खिलाफ संघीय अदालत में मुकदमा किया है.
जानें क्या है पूरा मामला
अमेरिका में पढ़ाई करने गए इन चारों छात्रों ने अदालत में कहा है कि उनका स्टूडेंट वीजा अचानक रद्द कर दिया गया, लेकिन इससे पहले उन्हें न तो कोई नोटिस मिला और न ही कोई कारण बताया गया. उनका कहना है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और न ही इमिग्रेशन (आव्रजन) के नियमों का उल्लंघन किया है. वे कभी किसी राजनीतिक गतिविधि में भी शामिल नहीं हुए. छात्रों ने यह भी बताया कि कुछ को सिर्फ छोटे-मोटे ट्रैफिक चालान या चेतावनी मिली थी, लेकिन ऐसे मामलों को वीजा रद्द करने की वजह नहीं माना जा सकता.
ACLU ने जारी किया बयान
छात्रों की मदद कर रही संस्था अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन मिशिगन (ACLU) ने कहा है कि सरकार की यह कार्रवाई गलत और गैरकानूनी है. इस मामले में ACLU की वकील रामिस वदूद ने कहा कि सरकार की ऐसी सख्त और गलत नीतियों से न सिर्फ छात्रों का जीवन प्रभावित होता है बल्कि इससे अमेरिका की शिक्षा प्रणाली की छवि भी खराब होती है.
उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटनाएं होती रहीं तो आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई करने से डर सकते हैं. ACLU ने बताया कि वीजा अचानक रद्द होने के ऐसे मामले सिर्फ मिशिगन में ही नहीं, बल्कि न्यू हैम्पशायर, इंडियाना और कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में भी सामने आए हैं और वहां भी इसी तरह के केस दायर किए गए हैं.
ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर उठ रहे हैं सवाल
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीतियों की वजह से अमेरिका में पढ़ रहे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्र परेशान हो रहे हैं. कई छात्रों का वीजा बिना सूचना के खत्म कर दिया गया है या उन्हें देश से बाहर भेजने (डिपोर्ट) का नोटिस मिल रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई बीच में रुकने का खतरा बन गया है. छात्रों को डर है कि उन्हें किसी भी समय हिरासत में लिया जा सकता है या देश से निकाल दिया जा सकता है.
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