पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की निंदा की, लेकिन उनके एक मंत्री ने आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी करार दिया, जिससे पड़ोसी मुल्क की पोल खुलती दिखाई दे रही है.
Pakistan On Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने जहां भारत को झकझोर दिया, वहीं पाकिस्तान ने बेहद बेशर्मी वाला काम किया है. एक ओर पाकिस्तान ने हमले की औपचारिक निंदा की, वहीं दूसरी ओर उसके विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने हमलावरों को स्वतंत्रता सेनानी कहकर संबोधित किया.
भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. इनमें सबसे बड़ा फैसला 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना रहा, जिसे भारत ने इस्लामाबाद की आतंक पर ढुलमुल नीति के जवाब में उठाया. इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीज़ा रद्द कर दिए और अटारी बॉर्डर भी बंद करने की घोषणा की. इस पर पाकिस्तान सरकार ने प्रतिक्रिया दी. वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा, “24 करोड़ पाकिस्तानी नागरिकों को पानी की जरूरत है. भारत ऐसा नहीं कर सकता. यह सीधा युद्ध माना जाएगा. पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने भी भारत के फैसले को युद्ध की कार्रवाई करार दिया है.
आतंकवाद पर वैश्विक दबाव के बावजूद पाकिस्तान का अड़ियल रुख
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा कहे जाने वाले TRF ने ली है. यह वही संगठन है, जिसे ISI का समर्थन प्राप्त है. फिर भी, पाकिस्तान आतंकियों को खुद से अलग बताकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता है. दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के नाम पर समर्थन जुटाने की कोशिश करने वाला पाकिस्तान अपने नेता के “freedom fighters” वाले बयान से बनेकाब हो गया है.
भारत के आक्रामक रुख पर पाकिस्तान की धमकी
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भी भारत को धमकी दी. उन्होंने कहा, “अगर भारत हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाता है तो भारतीय नागरिक भी सुरक्षित नहीं रहेंगे. यह जैसे को तैसा होगा. यह बयान भारत की तरफ से लिए गए कूटनीतिक और राजनीतिक फैसलों के जवाब में आया, जिनमें पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित करना, दूतावास कर्मचारियों की संख्या घटाना और अलग-अलग द्विपक्षीय संवादों को सीमित करना शामिल था.
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